राधारानी चरण चिन्ह
राधारानी के उन्नीस चरण मंगल चिन्ह श्रीराधा जी बांये पैर के 11 चिह्न सज्जित हैं :- जौ, चक्र, छत्र, कंकण, ऊर्ध्वरेखा, कमल, ध्वज, अर्धचंद्र, अंकुश, पुष्प, पुष्पलता, अंगूठे में जौ, उसके नीचे चक्र, फिर छत्र,कंकण, बगल में ऊर्ध्वरेखा, मध्य मे कमल, नीचे ध्वजा,अंकुश, ऊंगलियों मे अर्धचन्द्र, पुष्प और लता के चिह्न हैं। 1. जौ - जौ सांसारिक मोहमाया को छोड़कर इन चरणकमलों की शरण लेने से सारे पाप-ताप मिट जाते हैं। जौ का चिह्न सर्वविद्या और सिद्धियों का दाता है, इसके ध्यान से भक्त जन्म मरण के छुटकर जौ के दानो के समान बहुत छोटी हो जाती है | 2. चक्र - राधा कृष्ण के चरण कमल का ध्यान काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, आदि से भक्तों के मन की कामरूपी निशाचर को मारकर अज्ञान का नाश कर देता है। 3. छत्र – शरण ग्रहण करने वाले भक्त भौतिक कष्टों कि अविराम वर्षा से बचे रहते है. 4. कंकण - निकुंजलीला में कंकणों के मुखरित श्रीराधा ने कंकण उतारकर उसके चिह्न अपने चरणकमल में धारण किया है। 5. उर्ध्व रेखा – जो भी राधाश्याम के पद कमल से लिपटे रहते है, यह संसार रूपी सागर पार कर श्रीराधा ऊर्ध्वरेखा नामक पुल से संसार के सागर से पार हो ज...