गौरदास बाबा जी
व्रज के भक्त.... श्री गौरदास बाबा जी... नंदग्राम के पावन सरोवर के तीर पर श्री सनातन गोस्वामीपाद की भजन-कुटी में श्री गौरदास बाबा जी भजन करते थे। वे सिद्ध पुरुष थे। नित्य प्रेम सरोवर के निकट गाजीपुर से फूल चुन लाते, और माला पिरोकर श्रीलाल जी को धारण कराते। फूल-सेवा द्वारा ही उन्होंने श्री कृष्ण-कृपा लाभ की थी। कृपा-लाभ करने से चार-पांच वर्ष पूर्व ही से वे फूल-सेवा करते आ रहे थे। आज उन्हें अभिमान हो आया -' इतने दिनों से फूल-सेवा करता आ रहा हूँ, फिर भी लाल जी कृपा नही करते। उनका ह्रदय कठोर हैं किन्तु वृषभानु नन्दिनी के मन प्राण करुणा द्वारा ही गठित हैं। इतने दिन उनकी सेवा की होती, तो वे अवश्य ही कृपा करती। अब मैं यहाँ न रहूँगा...आज ही बरसाना जी चला जाऊँगा। संध्या के समय कथा आदि पीठ पर लाद कर चल पड़े, बरसाना जी की ओर। जब नंदगाँव से एक मील दूर एक मैदान से होकर चल रहे थे... बहुत से ग्वाल-बाल गोचरण करा गाँव को लौट रहे थे, एक साँवरे रंग के सुंदर बालक ने उनसे पूछा-'बाबा ! तू कहाँ जाय ? तब बाबा ने उत्तर दिया-' लाला ! हम बरसाने को जाय हैं, और बाबा के नैन डबडबा आये। बालक ने र