भक्त नामावली
भक्त नामावली
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हमसों इन साधुन सों पंगति।
जिनको नाम लेत दुख छूटत सुख लूटत तिन संगति ।। 1।।
मुख्य महन्त काम रति गणपति आज महेश नारायण।
सुर नर असुर पक्षी पसु जो हरिभक्ति परायण ।। 2।।
वाल्मीक नारद अगस्त्य सुक व्यास सूत कुलहीना ।
सबरी स्वपच वसिष्ठ विदुर विदुरानी प्रेम नवीना ।। 3।।
गोपी द्रोपदी कुंती आदि पंडवा ऊधौ ।
विष्णु स्वामी निम्बार्क माधौ रामानुज मग सूधौ ।। 4 ।।
लालचारज धनुरदास कुरेस भाव रस भीजै ।
ज्ञानदेव गुरु सिष्य तिलोचन पटतर को कहि दीजै ।। 5।।
पदमावती चरन को चारन कवि जयदेव जसीलौ ।
चिन्तामनी चिद रूप लखायो विल्वमंगल्हि रसिलौ ।। 6।।
केसवभट्ट श्रीभट्ट नारायनभट्ट गदधरभट्टा ।
विट्ठलनाथ वल्लभाचार्ज ब्रज के गूजर जट्टा ।। 7।।
नित्यानन्द अद्वैत महाप्रभु सचिसुवन चैतन्या ।
भट्टगुपाल रघुनाथ गुसाईं मधु गुसाईं धन्या ।।8।।
रूप सनातन भज वृन्दावन तजि दारा सुत सम्पति ।
व्यासदास हरिवंस गुसाईं दिन दुलराई दम्पति ।। 9।।
श्रीस्वामी हरिदास हमारे विपुल बिहारिन दासी ।
नागरि नवल माधुरी वल्लभ नित्य बिहार उपासी।। 10।।
तानसेन अकबर करमेती मीरा करमाबाई ।
रत्नावती मीर माधौ रसखान रीति रस गाई ।। 11।।
अग्रदास नाभादि सखी ये सबे राम सीता की।
सूर मदनमोहन नरसी अलि तस्कर नवनीता की।। 12।।
माधोदास गुसाईं तुलसी कृष्णदास परमानन्द ।
विष्णुपुरी श्रीधर मधुसूदन पीपा गुरु रामानंद ।। 13 ।।
अलि भगवान मुरारि रसिक स्यामानन्द रंका बंका।
रामदास चीधर निष्किंचन सह्यान भक्ति निसन्का ।। 14।।
लाखा अंगद भक्त महाजन गोविंद नंद प्रबोधा।
दासमुरारी प्रेमनिधि विठलदास मथुरिया जोधा ।। 15।।
लालमती सीता प्रभुता झाली गोपाली बाई।
सुत विष दियौ पूज सिलपिलले भक्ति रसीली पाई ।। 16।।
पृथीराज खेमाल चतुर्भुज राम रसिक रस रासा।
आसकरण मधुकर जयमल नृप हरिदास जन दासा ।। 17।।
सेना धना कबीरा नामा कूबा सदन कसाई ।
बारमुखी रैदास सभा में सही न स्याम सदाई।। 18।।
चित्रकेतु प्रह्लाद विभीषण बलि ग्रह बाजे बावन।
जामवंत हनुमन्त गीध गुह किये राम जे पवन ।। 19।।
प्रीति प्रतीति प्रसाद साधु सों इन्हें इष्ट गुरु जानो ।
तज ऐष्वर्य मरजाद लोक की तिनके हाथ बिकानो ।। 20।।
भूत भविष्य लोक चौदह में भये होय हरि प्यारे ।
तिन तिन सों व्यवहार हमारौ अभिमानिन ते न्यारे ।। 21।।
भगवत रसिक रसिक परिकर करि सादर भोजन पावै।
ऊँचो कुल आचार अनादर देख ध्यान नहिँ आवै ।। 22।।
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