भगवन नाम जप में अपराध

🌺 भगवन्नाम जप में 10 अपराध होते है,... उनसे बचें 🌺

1️⃣ महा भागवतों की निंदा। अर्थात जो हरि भक्त हैं,उनकी निंदा।

2️⃣ भगवान श्री वासुदेव को परम तत्व के रूप में न स्वीकार करना।
भगवान के रुप , नाम और गुण में भेद  समझना भी अपराध है।

3️⃣ गुरु को सामान्य समझना।

4️⃣ वेद,पुराण स्मृतियों की निंदा करना।

5️⃣ नाम महिमा अर्थवाद समझना।
यानी हमने इतने नाम कर लिए का अहंकार न हो।

6️⃣ भगवान के नामो को कल्पित मानना।

7️⃣ भगवान के नाम के बल पर अपराध करना।जैसे कहा है कि नाम पाप को नष्ट कर देता है,तो हम खूब पाप कर्म करे इस दम पर कि नाम जप कर लेंगे,ये सोच गलत है।नाम तभी लाभ देगा जब आप जानकारी में कोई भी अपराध न करें।शरणागत हो।

8️⃣ कर्मकांड को भगवान के नाम के बराबर मान लेना।

9️⃣ सुनने की इच्छा से रहित श्रद्धा हीन  के समक्ष हरि गुण गान करना।

🔟 हरिनाम कीर्तन के समय भी विषय आसक्ति बनाये रखना।

भक्त को चाहिए कि इन अपराधों से बचे।ये अपराध स्वयम चैतन्य जी ने कहे हैं।

🌺💖 श्री कृष्ण स्मरण 💖🌺
    🌺💖 हरे कृष्ण 💖🌺

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