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Showing posts from September, 2018

गौर उन्माद

श्रीमहाप्रभु जी में पुलकावली कैसी? की रोंगटों के साथ उनकी जड़ फफ़ोलो की भाँति फूल उठी थी प्रभु का शरीर शिमुली के वृक्ष की भाँति काँटे काँटे दिखता था उनका एक एक दाँत कटकटा र...

निताई गुनमणि

निताई गुनमणि आमार निताई गुनमणि। आनिया प्रेमेर वन्या भासाल अवनी।। प्रेमवन्या लइया निताई आइला गौड़ देशे। डुबिल भक्तगण दीनहीन भासे।। दीनहीन पतित पामर नाहि बाछे। बह्मार ...

ढोल ग्वार

श्रीरामचरितमानस में कहीं नहीं किया गया है “शूद्रों” और नारी का अपमान  | भगवान श्रीराम के चित्रों को जूतों से पीटने वाले भारत के राजनैतिक शूद्रों को पिछले 450 वर्षों में गोस्...

परम् करुणा

परम करुणा पाहु दोई जन निताई गौरचन्द्र सब अवतार सारा शिरोमणि केवल आनन्द कन्द भजो भजो भाई चैतन्य निताई सुदृढ़ विश्वास करि विषय छाड़िया सेरासे मझिया मुखे बोलो हरि हरि देखो रे...