परम् करुणा
परम करुणा पाहु दोई जन निताई गौरचन्द्र
सब अवतार सारा शिरोमणि केवल आनन्द कन्द
भजो भजो भाई चैतन्य निताई सुदृढ़ विश्वास करि
विषय छाड़िया सेरासे मझिया मुखे बोलो हरि हरि
देखो रे भाई त्रिभुवने नाई एमोन् दयाल दाता
पशु पाखी झूरे पाषाण विदारे शुनि जार गुण गाथा
संसार मजिया रोहिली पोढिया सेपदे नहिलो आस
आपना करम भुंजाय शमन कहो रे लोचन दास
परम् करुणा दुई जन ........
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