जुगलकिशोर
जुगलकिशोर मेरे बाँके बिहारी ।
सुंदर नैंन विशाल मनोहर चितवन दिन चित आनंदकारी ।१।
पचरंग तिलक बेंदी मृगमद की केसर चित्र सुभाल उकारी ।
पियरी पाग पेचिदा तुर्रा शीश फूल कलगी अनियारी ।२।
बाम किरीट जड़ाऊ जगमग कबरी पुहुप विचित्र सँवारी ।
नासिका बेसर मुक्ता झलकत श्रृवनन झलकत कुण्डल वारी ।३।
चिबुक चखौड़ा अधर अरूणता गोल कपोल बिहँसि सुखकारी ।
कंठसिरी दुलरी हीरन गल हार जटित वनमाल सिंगारी ।४।
अँगिया फरिया जामा चुनरि झगा पीत पट कंचन सारी ।
अँगुरिन मुदरी चारि चारि चूरी हाथ फूल बहु भूषन धारी ।५।
पायजेब नूपुरन बीछूआ कटि किंकिनी झूलत झुनकारी ।
बाँके तन सुत्रिभंगी मुद्रा चरण पै चरण छबि अति न्यारी ।६।
दोऊ कर अधर बँसुरि टेढ़ी धरि कनक छड़ी हू टेढ़ी धारी ।
कृष्णचन्द्र राधा चरणदासि दोऊ निरखि एक वपु दिन बलिहारी ।७।
साभार श्रीहरिदास कृपा से
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