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Showing posts from February, 2018

प्रेम तत्व कल्याण अंक

“प्रेम-तत्त्व”             कामना से युक्त होकर जो ईश्वर का भजन-चिंतन किया जाता है, वह कामना की पूर्ति होने या न होने पर ईश्वर से विमुखता उत्पन्न करता है। जैसे बच्चा माँ से पै...

श्रीराधा अमृत कथा

🌷🌻 *श्री राधारमण जी अभिषेक भाव* (श्री राधारमण जी मन्दिर में गाया जानेवाला एक पद -श्री राधारमण गीता ग्रँथ से) 🌹🍃श्रीरूप मंजरी जी एवम श्री गुण मंजरी जी दर्शन कर रहे हैं 🎋वे कह...

भगवान का स्मरण कैसे हो

⛳🍁भगवान का स्मरण कैसे करें🍁⛳ १. ऐसे करो, जैसे अफीमची अफीम के न मिलने पर अफीम का स्मरण करता है | २. ऐसे करो, जैसे मुकदमेबाज मुकद्दमे का स्मरण करता है | ३. ऐसे करो, जैसे जुआरी जुए का स...

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परिचर्या भाग 2 तिय के तन कौ भाव धरि सेवा हित श्रृंगार। युगल महल की टहल कौ तब पावै अधिकार।। नारी किंवा पुरुष हो जिनके मन यह भाव। दिन-दिन तिनकी चरण-रज लै लै मस्तक लाव।। दासी रूप ...

परिचर्या1

परिचर्या भाग 1 परिचर्या का लक्षण गोस्वामी वृन्दावनदास जी ने बतलाया है ‘दास जिस प्रकार की सेवा नृपति की करता है, उस प्रकार की सेवा का नाम परिचर्या है। नवधा भक्ति में परिचर्य...