भगवान का स्मरण कैसे हो

⛳🍁भगवान का स्मरण कैसे करें🍁⛳

१. ऐसे करो, जैसे अफीमची अफीम के न मिलने पर अफीम का स्मरण करता है |
२. ऐसे करो, जैसे मुकदमेबाज मुकद्दमे का स्मरण करता है |
३. ऐसे करो, जैसे जुआरी जुए का स्मरण करता है |
४. ऐसे करो, जैसे लोभी धन का स्मरण करता है |
५. ऐसे करो, जैसे कमी कामिनी का स्मरण करता है |
६. ऐसे करो, जैसे जैसे शिकारी शिकार का स्मरण करता है |
७. ऐसे करो, जैसे निशानेबाज निशाने का स्मरण करता है |
८. ऐसे करो, जैसे किसान पके खेत का करता है |
९. ऐसे करो, जैसे प्यास से व्याकुल मनुष्य जल का स्मरण करता है |
१०. ऐसे करो, जैसे भूख से सताया हुआ मनुष्य भोजन का स्मरण करता है |
११. ऐसे करो, जैसे घर भुला हुआ मनुष्य घर का स्मरण करता है |
१२. ऐसे करो, जैसे थका हुआ मनुष्य विश्रामका स्मरण करता है |
१३. ऐसे करो, जैसे भय से कातर मनुष्य शरण देने वाले का स्मरण करता है |
१४. ऐसे करो, जैसे डूबता हुआ मनुष्य जीवन रक्षा का स्मरण करता है |
१५. ऐसे करो, जैसे दम घुटने पर मनुष्य वायु का स्मरण करता है |
१६. ऐसे करो, जैसे परीक्षार्थी परीक्षा के विषय का स्मरण करता है |
१७. ऐसे करो, जैसे ताजे पुत्रवियोग से पीड़ित माता पुत्र का स्मरण करती है |
१८. ऐसे करो, जैसे नवीन विधवा अबला अपने मृत पति का स्मरण करती है |
१९.ऐसे करो,जैसे घर में रहने वाली कुलटा स्त्री अपने जार का स्मरण करती है |
२०. ऐसे करो, जैसे मातृपरायण शिशु माता का स्मरण करता है |
२१. ऐसे करो, जैसे प्रेमी अपने प्रेमास्पद का
स्मरण करता है |
२२. ऐसे करो, जैसे पतिव्रता स्त्री अपने पति का स्मरण करती है |
२३. ऐसे करो, जैसे अन्धकार से अकुलाये हुए प्राणी प्रकाश का स्मरण करते है |
२४. ऐसे करो, जैसे सर्दी से कापते हुए मनुष्य अग्नि का स्मरण करते  है |
२५. ऐसे करो, जैसे चकवा-चकवी सूर्य का
स्मरण करते है |
२६. ऐसे करो, जैसे चातक मेघ का स्मरण करता है |
२७. ऐसे करो, जैसे जल से बिछुड़ी हुई मछली जल का स्मरण करती है |
२८. ऐसे करो, जैसे चकोर चन्द्रमा स्मरण करता है |
२९. ऐसे करो, जैसे फलकामी पुरुष फल का
स्मरण करता है |
३०. ऐसे करो, जैसे मुमुक्षु पुरुष आत्मा का
स्मरण करता है |
३१. ऐसे करो, जैसे शुद्ध हृदय मुमुक्षु पुरुष भगवान का स्मरण करता है |
३२. ऐसे करो, जैसे योगी पुरुष चेतन ज्योति का स्मरण करते है |
३३. ऐसे करो,जैसे ब्रह्म निष्ठ ब्रह्म का स्मरण करता है |

      🌿🍁|| हरि बोल ||🍁🌿

(संत-वाणी नित्यलीलालीन श्रद्धेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसाद पोद्धार "भगवच्चर्चा" ग्रन्थ से ।)
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