तोमार दासी
*"तोमार दासीर दासी हैते वाञ्छा करि ।*
*भजन साधन मुञि नहि अधिकारी।।*
*तोमार महिमा सेवा अनन्त अपार ।*
*एक कण स्पर्शिमात्र से कृपा तोमार ।।*
*शची-आंगिनाय मुञि झाडुदारी चाइ ।*
*सेइ त जानिह देवि! आमार बड़ाइ।।*
*दया कर दयामयि ! दासी अंगीकारि ।*
*धृष्टता मूर्खता त्रुटि सब क्षमा करि । ।*
*मूर्त्तिमती क्षमा तुमि ओगो क्षेमस्करि।*
*क्षमा कर सर्व दोष माथे पद धरि ।।*
*विष्णुप्रियार प्राणनाथ जय गौरहरि।*
*बलिते बलिते जेन मरे दासी हरि*
*तोमार चरण-पद्म हृदे अभिलाषि।*
*नदीया-गम्भीरा-लीला गाय हरिदासी।।"*
(गौर-गीतिका)
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