विदुषी नारी वेश

श्री गोपाल चम्पू

*श्रीकृष्ण का विदुषी नारी वेश*

एकबार श्रीकृष्ण ज्योतिष शास्त्र,मन्त्र,योग,तंत्रादि जानने वाली एक विदुषी का वेश धारण कर श्रीराधा जी के पास आए

श्रीराधाजी बोलीं-"हे सर्वज्ञे!त्रिलोकी में सुखकारी आश्रय या सदन क्या है?"

विदुषी ने कहा-"श्रीकृष्ण गोष्ठ (अर्थात ब्रजमंडल)"

श्रीराधा-"इस जगत में जीवन अवलम्बन क्या है?"

विदुषी-"श्रीकृष्ण गान"

श्रीराधा-"कौनसी वस्तु अतुलित मंगलप्रद है?"

विदुषी-"श्रीकृष्ण प्राप्ति की इच्छा"

श्रीराधा-"उपभोग्य क्या है?"

विदुषी-"श्रीकृष्ण रूप"

श्रीराधा-"इस जगत में फल क्या है?"

विदुषी-"सम्यक प्रकार से कृष्ण उपलब्धि"

श्रीकृष्ण के ऐसे निमेष मात्र में दिए चतुराई से भरे उत्तरों को सुनकर श्रीराधा को शंका हुई

'हो न हो ये मेरे श्याम सुंदर हैं'

ऐसा उत्तर मुझे पलक झपकते कोई साधारण विदुषी स्त्री नही दे सकती

राधारानी ने श्याम सुंदर की आंखों में झांका।मन्द मन्द मुस्कान उनसे छिप न सकी

श्रीराधा भी हँस दी।बोली-" प्यारे!आज आपको ये नया कौतुक बड़ा उत्तम सूझा।अपनी ही महिमा गाते रहे"

श्याम सुंदर बोले-"राधे!महिमा तो मनमे तुम्हारी ही गा रहा था।परन्तु कृष्ण कृष्ण सुनके जो पल पल तुम्हारा चेहरा खिल रहा था,बस उसिको देखने के लिए ये वेश लिया आज"

जय जय श्रीश्री राधे श्याम🙏🏼🙇🏻🌹

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