8 रथ यात्रा
*रथ यात्रा लीला 8* जैसे कल हम सबने सुना बड़ा सुख पा रहे है महाप्रभु क्युंकि जगन्नाथ जी गुण्डिचा मन्दिर में ही विराजमान है।आप हम सब ने ये भी सुना कैसे लक्ष्मी जी की डोली गुण्डिचा मन्दिर आती है और जगन्नाथ जी को मन्दिर वापिस चलने का आग्रह करती हैं ,फिर जगन्नाथ जी से नाराज हो कर माँ लक्ष्मी जी वापिस चली जाती है। अब हर रोज भोग आरती ,हर उत्सव उन दिनों मे मनाये जाते हैं,हर रोज श्री मन महाप्रभु जगन्नाथ जी का अवलोकन करते और प्रफुल्लित होते हैं,अब वो घड़ी आ गई जिस घड़ी से भक्त जन डरते थे कि महाप्रभु को कैसे सम्भाला जायेगा ? कैसे उनके चित्त को शान्त किया जायेगा, क्युंकि अब जगन्नाथ जी का रथ गुण्डिचा मन्दिर से प्रस्थान कर जगन्नाथ मन्दिर जाने वाला है ।अब उल्टे रथ की तैयारी होगी , अब मन्दिर के बाहर रथ आ खड़ा हो जाता है। महाप्रभु जी के कान में आवाज़ आ जाती है ,रथ आ गया है गुण्डिचा के दरवाज़े पर जगन्नाथ जी को लेने। रथ में विराजमान हो गये भगवान श्री जगन्नाथ जी, ज्यों ही महाप्रभु जी ने देखा तो भागे रथ की ओर।अब ...