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Showing posts from January, 2019

सात ठाकुर

सात ठाकुर जो वृंदावन मे प्रकट हुए है 1. गोविंददेव जी , जयपुर कंहा से मिली :वृंदावन के गौमा टीला से यहा है स्थापित :जयपुर के राजकीय महल मे रूप गोस्वामी को श्री कृष्ण की यह मुर्ति ...

प्याज लहसुन

प्याज लहसुन खाना शास्त्रोँ मेँ क्यों मना किया गया है विशेषकर नवरात्रि में ।। आईये जाने इस पोस्ट के द्वारा ।। -----------------–-------------------- प्याज और लहसुन ना खाए जाने के पीछे सबसे प्रसिद्ध पौरा...

ब्याहुला

*श्री जी का बिहाऊला* श्री वृन्दावन धाम रसिक मन मोहई। दूलह दुलहिनि ब्याह सहज तहाँ सोहई।। नित्य सहाने पट अरु भूषन साजहीं। नित्य नवल सम वैस एक रस राजहीं।। सोभा कौ सिरमौर चन्द...

तुलसी शालिग्राम विवाह

तुलसी शालीग्राम विवाह तुलसी शालीग्राम संग ब्याह की शोभा वरनी न जाई ।। शालीग्राम दुल्हा बन गए,कर श्रृँगार द्वार पे आये बज रही शहनाई की शोभा वरनी न जाई ।। ब्रह्मा भी आये संग ...

श्रवण मंगलम

*भक्ति का पहला और सबसे महत्वपूर्ण अंग श्रवणम्🌷* *'श्रवणम्'* भक्ति का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह भक्ति के मुख्य तीन अंगों में से एक है। श्रील् प्रभुपादजी भी अपने कई व्याख्यान...

बिल्वमंगल

श्रीगोविन्द दामोदर स्तोत्र एवं भक्त बिल्वमंगल..... कल्पवृक्ष सम है सदा करुणामय हरिनाम। चाह किये देता मुकति, प्रेम किये व्रजधाम॥ भगवान का नाम कितना पावन है, उसमें कितनी शान...

निताई गुनमणि

निताई गुनमणि आमार निताई गुनमणि। आनिया प्रेमेर वन्या भासाल अवनी।। प्रेमवन्या लइया निताई आइला गौड़ देशे। डुबिल भक्तगण दीनहीन भासे।। दीनहीन पतित पामर नाहि बाछे। बह्मार ...