बिष्णुप्रिया जी का कीर्तन

श्री विष्णु प्रिया जी का कीर्तन

पद:-

हे वसुदेव सुत हे जग पाला। हे देवकि सुत हे नंद लाला।

हे वंशी धर हे गोपाला। हे मन मोहन हे किरपाला।

हे राधे वर हे वृज चन्द। हे यशुदा सुत हे गोविन्द।

हे करुणा निधि हे सुखकन्द। हे गिरधारी हे निर्द्वन्द।

जय मुरारि जय माखन चोर। जय मधुसूदन जय वर जोर।५।

जय सुर मुनि के प्राण अधार। जय माधव केशव करतार।

जय सब से न्यारे सरकार। जय सब में व्यापक हर वार।

जय मुद मंगल देने हार। जय श्री हरि प्रेमा अवतार।८।

Comments

Popular posts from this blog

शुद्ध भक्त चरण रेणु

श्री शिक्षा अष्टकम

श्री राधा 1008 नाम माला