अहमद जिया के द्वार
होरी होये रही है अहमद जिया के द्वार
होरी होये रही है अहमद जिया के द्वार
हजरत अली का रंग बनो है
हसन हुसैन खिलार
होरी होय रही है अहमद जिया के द्वार
ऐसो होरी की धूम मची है 2 चहुं ओर पड़ी है पुकार
ऐसो अनोखो चतुर खिलाड़ी रँग दियो संसार
नयाज़ प्यारा भर भर छिड़के एक ही रँग सहस पिचकार
होरी होय रही है अहमद जिया के द्वार
जी चाहे तो शीशा बन जा, जी चाहे पैमाना बन जा
शीशा पैमाना क्या बनना, मय बन जा, मयखाना बन जा
मय बन कर, मयखाना बन कर, मस्ती का अफसाना बन जा
मस्ती का अफसाना बन कर, हस्ती से बेगाना बन जा
हस्ती से बेगाना होना, मस्ती का अफसाना बनना
इस होने से इस बनने से अच्छा है दीवाना बन जा
दीवाना बन जाने से भी, दीवाना होना अच्छा है
दीवाना होने से अच्छा, खाक-ए-दर-ए-जा-नाना बन जा
खाक-ए-दर-ए-जा-नाना क्या है, अहले-दिल की आँख का सूरमा
शम्मा के दिल की ठण्डक बन जा, नूर-ए दिल-ए-परवाना बन जा
सीख जहीर के दिल से जलना काहे को हर शमा पे जलना?
अपनी आग में खुद जल जाये, तू ऐसा परवाना बन जा
सीख जहीर के , सीख जहीर की, सीख जहीर के दिल से जलना
तू ऐसा परवाना बन जा ...
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