राधेश्याम एक आसने
राधाश्याम एकासने सेजेछे भालो। राइ आमादेर हेमवरणी, श्याम चिकणकालो।। गले वनफूलेर माला, वामे चूड़ाटि हेला। जुगलरूपे निकुंजवन करेछे आलो।। (दोहाँर) बाहुते बाहु, जेन चाँदेते राहु। चूड़ा वेणी घेराधेरि करि दाँडालो।। करे मोहन मुरली, राइ अंगे पड़िछे ढलि। भानु दुलाली मोदेर नन्द दुलाल।। (जत) सखी मंजरी, तारा जाय सारि सारि। माझे किशोर-किशोरी, कि शोभाह'लो।। (जत) बरज बाला, रूपे दशदिक हइल आलो। जुगल चाँदे घेरि चाँदेर माला चलिलो।। (नाचे) मयूर-मयूरी, गाय शुक आर सारी। जुगलरूप हेरि सबार नयन जुड़ालो।। (तोरा) आय सहचरि, हेरबि जदि जुगल माधुरी। मेघ बिजुरी जड़ाजड़ि कि शोभाहलो।।