एक कृष्ण नामे

एक कृष्णनामे करे सर्वपाप नाश।
प्रेमेर कारण भक्ति करेन प्रकाश।।
प्रेमेर उदये हय प्रेमेर विकार।
स्वेद-कम्प-पुलकादि गद्गदाश्रुधार।।
अनायासे भवक्षय, कृष्णेर सेवन।
एक कृष्णनामेर फले पाइ एत धन।।
हेन कृष्णनाम यदि लय बहुबार।
तभु यदि प्रेम नहे, नहे अश्रुधार।।
तबे जानि, अपराध आछये प्रचुर।
कृष्णनाम-बीज ताहे ना करे अंकुर।।
चैतन्य-नित्यानन्दे नाहि ए सब विचार।
नाम लैते प्रेम देन, बहे अश्रुधार।।

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