आरती निताई चाँद की
🔔 *आरती श्रीनिताईचाँद* 🔔
*आरती प्रभु श्री नित्यानन्द की।*
*आनन्दधन वपु परमानन्द की ।।*
*श्री बलराम, कृष्ण के भैया,*
*बलिहारी पद्मावती मैया,*
*हाड़ाई सुत आनन्द-कन्द की*
*।। आरती प्रभु० ।।*
*मणिमय मुकुट शीश मन मोहै,*
*एक कान कुण्डल अति सोहै,*
*इन्दु विनिन्दित छबि मुखचन्द की*
*।। आरती प्रभु० ।।*
*गल मणिमाल–जालकी हलकन,*
*नील वसन अद्भुत शोभा तन,*
*मनहर छबि मुसकान मन्द की*
*।। आरती प्रभु० ।।*
*घूर्णित नयन श्वेत रतनारे,*
*भुजा उठाये प्रेम मतवारे,*
*काटत कठिन पाश भव फन्द की*
*।। आरती प्रभु० ।।*
*कृष्ण-कृष्ण टेरत प्रति द्वारे,*
*हरि बोलाय पापी बहु तारे,*
*एकहिं गति "श्याम मतिमन्द की*
*।। आरती प्रभु० ।।*
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