रूप मञ्जरी पद

*श्री रूप मञ्जरी-पद, सेइ मोर सम्पद,*
      सेर मोर भजन-पूजन।
सेइ मोर प्राण-धन, सेइ मोर आभरण,
     सेइ मोर जीवनेर जीवन।

सेइ मोर रसनिधि, सेइ मोर वांछासिद्धि,
      सेइ मोर वेदेर-धरम।
सेइ व्रत, सेइ तप, सेइ मोर मन्त्र-जप,
      सेइ मोर धरम-करम।

अनुकूल ह 'बे विधि, सेइ पदे हइबे सिद्धि,
     निरखिब ए दुइ नयने।
से रूपमाधुरी राशी, प्राण-कुवलय-शशी,
      प्रफुल्लित ह 'बे निशि दिने।

तुया-अदर्शन-अहि, गरले जारल देहि,
     चिर-दिन तापित जीवन।
हा हा प्रभु ! कर दया, देह मोरे पदछाया,
      नरोत्तम लइल शरण।

Comments

Popular posts from this blog

शुद्ध भक्त चरण रेणु

श्री शिक्षा अष्टकम

श्री राधा 1008 नाम माला