श्रीअद्वैत अमृत
*श्रीअद्वैत अमृत*
*नाम बिनु कलिक़ाले धर्म नाहीं आर*
*कलिकाले केछे हवे कृष्ण अवतार*
*शुद्धभावे क़रिव कृष्णेर आराधन*
*निरंतर सदैन्य क़रिव निवेदन*
*आनिया कृष्णेरे करो कीर्तन संचार*
*तबे से अद्वैत नाम सफल हमार*
अर्थ- श्रीकृष्ण नाम बिना कलयुग और कोई धर्म नहीं, परंतु कलयुग में श्रीकृष्ण अवतार कैसे होगा
शुद्धभाव से श्रीकृष्ण की आराधना और निरंतर दैन्यपूर्ण निवेदन करना होगा
तभी श्रीकृष्ण को मै संकीर्तन के प्रचार के लिए प्रकट करूँगा और तभी ही मेरा अद्वैत नाम सफल होगा ।
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