निताई चाँद

अपने इष्ट देव दीक्षा गुरु श्रीमन्ननित्यानन्द राय के चरणों में नमस्कार करता हूँ, क्योंकि की कृपा से ही श्रीचैतन्यदेव के नाम गुणगान की स्फूर्ति होती है।  उन श्रीबलराम प्रभु की मैं वन्दना करता हैं। उनकी वन्दना एवं कृपा प्राप्ति से ही श्रीकृष्णचैतन्य गुण- कीर्तन की स्फूर्ति सम्भव है, क्योंकि उनके हजारों मुख ही श्रीकृष्ण नाम गुण कीर्ति के भण्डार हैं। वे नित्य नवीन नाम गुणों का गान करते रहते हैं। उसी प्रकार वही श्रीसंकर्षण श्रीनिताईचाँद अनन्तदेव के रूप में श्रीश्रीकृष्णाचैतन्यदेव के नाम गुण लीलाओं का नित्य नवीन गान करते रहते हैं। अतः उनकी कृपा से ही श्रीकृष्णचैतन्य नाम गुणगान की रति सम्भव है, अन्यथा नहीं। जैसे बहुमूल्य रत्न को परम गुप्त आत्मीय स्थान पर रखा जाता है, उसी प्रकार श्रीमहाप्रभु ने अपने नाम गुण कीर्तन रुप महारत्न को अपने परम आत्मीय अपने प्रिय श्रीअनन्तदेव के मुख में सुरक्षित रखा है, जो श्रीनिताई चाँद के अंश हैं। अतः श्रीनिताई चाँद की कृपा के बिना श्रीकृष्ण-नाम गुण गान रूप महारत्न की प्राप्ति नहीं हो सकती।

     🌹 श्रीवृन्दावदास ठाकुर महाशय ने यह भी वर्णन किया है कि जो श्रीनिताईचाँद -संकर्षण का गुणानुवाद गान करते हैं, जो उनकी शरण ग्रहण करते हैं उन पर श्रीमहादेव पार्वती भी अति प्रसन्न होकर उनकी समस्त कामनाओं को पूर्ण करते हैं। श्रीबलराम संकर्षण इष्ट देव हैं श्रीमहेश पार्वती के। श्रीपार्वती एवं असंख्य दासियों से सेवित श्रीमहादेव नित्य श्रीसंकर्षण की
अर्चना करते हैं।

क्रमशः

श्रीगुरुगौरांगो जयते !!

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