गुरूदेव कृपा बिंदु दिया
*गुरुदेव!*
*कृपाबिन्दु दिया, कर एइ दासे,*
*तृणापेक्षा अति हीन।*
*सकल सहने, बल दिया कर,*
*निज-माने स्पृहाहीन।।"*
हे गुरुदेव ! कृपया आप इस दास पर अनुकम्पा करे तथा इस प्रकार इसे अपने आपको सड़क पर पड़े हुए तिनके से भी अधिक हीन समझने की योग्यता प्रदान करे । कृपया मुझे सब कुछ सहने की शक्ति प्रदान करे तथा मुझे भौतिक इच्छाओं से मुक्त बनाएँ।
*"सकले-सम्मान, करिते शक्ति,*
*देह नाथ! यथायथ।*
*तबे त'गाइब, हरिनाम सुखे,*
*अपराध ह'बे हत।।"*
कृपया मुझे शक्ति प्रदान करे कि मैं सबको सम्मान दे सकूँ। इस प्रकार मै आनंदपूर्वक भगवान हरि के पवित्र नाम का जप कर सकूँगा तथा मेरे अपराध शून्य हो जायेगे।
*"कबे हेन कृपा, लभिया ए जन,*
*कृतार्थ हइबे, नाथ।*
*शक्तिबुद्धि हीन, आमि अति दीन,*
*कर मोरे आत्मसाथ।।"*
कब मेरा जीवन आपकी कृपा प्राप्त करके सफल हो पाएगा ? मैं शक्ति एवं बुद्धि से हीन हूँ, मैं एक पतितात्मा हूँ ,अतएव कृपया मुझे अपना दास स्वीकार करे।
*"योग्यता-विचारे, किछु नाहि पाइ,*
*तोमर करुणा सार।*
*करुणा न ह'ले, काँदिया काँदिया,*
*प्राण ना राखिब आर।।"*
यदि आप मुझमे कोई भी योग्यता ढूंढने का प्रयास करेंगे तो आपको कुछ भी योग्यता नही मिलेगी। आपकी कृपा ही मेरी एकमात्र संपत्ति है। यदि आपने मुझ पर करुणा नही की तो मैं रोते-रोते अपने जीवन का अंत कर दूँगा।
😭😭😭😭
Comments
Post a Comment