भक्त हरिबाबा

💐🌺 *ब्रज दर्शन* 🌺💐

          *भक्त के प्यारे भगवान्*
 
       पूज्य श्री हरीबाबा जी महान् संत हुए है , उनके साथ नित्य कुछ न कुछ संत मंडली रहती ही थी । एक समय हरीबाबा के साथ कुछ प्रेमी संत यात्रा करने गए थे , उन संतो में एक संत के पास बड़े सुंदर शालिग्राम भगवान् थे। वे संत उन शालिग्राम जी को हमेशा साथ लिए रहते थे। ट्रेन से यात्रा करते समय बाबा ने शालिग्राम जी को बगल में रख दिया और अन्य संतो के साथ हरी चर्चा में मग्न हो गए। जब ट्रेन रुकी और सब संत उतरे तो वे शालिग्राम जी वाही गाडी में रह गए। संत अपनी मस्ती में उन्हें साथ लेकर आना ही भूल गए । बहुत देर बाद जब हरीबाबा जी के आश्रम पर सब संत पहुंछे और भोजन प्रसाद पाने का समय आया तो उन प्रेमी संत ने देखा की हमारे शालिग्राम जी नहीं है ।
*संत बहुत व्याकुल हो गए , बहुत रोने लगे परंतु भगवान् मिले नहीं।* उन्होंने भगवान् के वियोग अन्न जल लेना स्वीकार नहीं किया  ।संत बहुत व्याकुल होकर विरह में भगवान् को पुकारकर रोने लगे ।हरीबाबा ने कहा - महाराज मै आपको बहुत सुंदर चिन्हों से अंकित नये शालिग्राम जी देता हूँ परंतु उन संत ने कहा की हमें अपने वही ठाकुर चाहिए जिनको हम अब तक लाड लड़ते आये है। हरीबाबा बोले - आपने उन्हें कहा रखा था ? मुझे तो लगता है गाडी में ही छुट गए होंगे और अब कई घंटे बीत गए है। गाडी से किसीने निकल लिए होंगे और गाडी भी बहुत आगे निकल चुकी होगी। संत बोले - मै स्टेशन मास्टर से बात करना चाहता हूँ वहाँ जाकर ।
     अन्य संतो ने हरीबाबा से कहा की एकबार इनके मन की तसल्ली के लिए हमारे साथ इनको स्टेशन जाने दीजिये। सब संत उन महात्मा को लेकर स्टेशन पहुंचे। स्टेशन मास्टर से मिले और भगवान् के गुम होने की शिकायत करने लगे। उन्होंने पूछा की कौनसी गाडी में आप बैठ कर आये थे। संतो ने गाडी का नाम स्टेशन मास्टर को बताया तो वह कहने लगा - *महाराज ! कई घंटे हो गए ,यही वाली गाडी ही तो यहां खड़ी है, गाडी आगे ही नहीं बढ़ रही है। न कोई खराबी है न अन्य कोई दिक्कत परंतु गाडी आगे ही नहीं बढ़ती।* महात्मा जी बोले - अभी आगे बढ़ेगी ,मेरे बिना मेरे प्यारे कही अन्यत्र कैसे चले जायेंगे ?
   वे महात्मा अंदर ट्रेन के डिब्बे के अंदर गए और ठाकुर जी वही रखे हुए थे जहां महात्मा ने उन्हें पधराया था। भगवान् को महात्मा ने गले लगाया और जैसे ही महात्मा जी उतरे गाडी आगे बढ़ने लग गयी। ट्रेन का चालाक , स्टेशन मास्टर सभी आश्चर्य में पड गए और बाद में उन्होंने जब यह पूरी लीला सुनी तो वे गद्गद् हो गए। उन्होंने अपना जीवंत संत और भगवान की सेवा में लगा दिया।

🥀🙏🏻 *जय जय श्रीराधे* 🙏🏻🥀

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