रैन दिवस

रैन दिवस बरसत मोरे नैना
पिय बिन कित जाऊँ सखी री, कौन सुने मेरो बैना
बाँवरी बन मैं इत उत डोलूँ , क्षण को चैन परै ना
हिय की पीर सो कैसो जाने , जो उर बाण प्रेम सहै ना
बिरहन को हाय प्राण न निकसै , विधना ऐसो कार करै ना
क्षण क्षण पीर उठे अति भारी , मेरो सांवल वैध मिलै ना

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