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Showing posts from October, 2017

भाग 8 अध्याय 4

*श्रीहरिनाम चिंतामणि*                 8         *अध्याय 4* *साधु अपराध --साधु निंदा* संता निंदा नामनः परममपराध वितनुते यतः ख्याति यात कठमुसहतै तद्विग्रहाम श्रीगदाधर जी के स्व...

भाग 7 अध्याय 3

ल*श्रीहरिनाम चिंतामणि*              7       *अध्याय 3* *अनर्थ समाप्त होने पर नामाभास प्रेम प्रदान करता है* श्रीकृष्ण प्रेम को छोड़कर बाकी सब कुछ नामाभास से ही प्राप्त किया जा सक...

भक्त कर्मानन्द जी

श्रीभक्त करमानंद जी............ ये अपने गायन से प्रभु की सेवा किया करते थे. इनका गायन इतना भावपूर्ण होता था कि पत्थर-हृदय भी पिघल जाता था. ज्यादा दिनों तक इनको गृहस्थी रास नहीं आयी और ...

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भाग 6 अध्याय 3

*श्रीहरिनाम चिंतामणि*                  6        *तीसरा अध्याय*       *नामाभास विचार* श्रीगदाधर पंडित, श्रीगौरांग महाप्रभु व जान्ह्वी देवी के जीवन स्वरूप श्रीनित्यानन्द प्र...