राधेरानी चरण सेवा

*श्री श्याम सुंदर द्वारा श्रीराधारानी का चरण सेवा*

श्री चंडीदास बहुत सुंदर वर्णन करते हैं किस प्रकार श्याम सुंदर नापितानी (नाई कन्या) के वेश में आकर श्रीराधारानी के चरणों की सेवा करते हैं

एकबार श्याम सुंदर नापितानी (नाई कन्या) का वेश बनाकर बरसाना पहुंचे

श्रीराधारानी अपने कमरे में बैठी थी।श्री श्याम सुंदर उनसे बोले कि वो दक्ष नापितानी है,एकबार उसे सेवा का अवसर दे

राई रानी तैयार हो गई

श्याम सुंदर ने प्रसन्न हो अपनी सोने की पेटी खोली और नाइयों वाला उस्तरा निकाला

फिर जाकर एक लोटे में सुगन्धित जल ले आए

उसके बाद चतुर नापितानी जैसा करती है वैसे राधारानी के नखों को आकार (shape) देने लगे।कोनों को  थोड़ा घिसकर मानो चंद्रमा का रूप दे दिया

*कोटि चन्द्रमाओ की शोभा को लज्जित करे ऐसे जिनकी एक एक नख की शोभा,उन नखों की शोभा वर्धन करने की कोशिश कर रहे श्याम सुंदर*

स्वामिनी कौतुक से देख रही नई नापितानी को

फिर श्याम सुंदर नमक की पोटली से उनके चरणों के तल में मालिश करते हैं

पोटली घिसते हुए विभोर हुए जा रहे,आनन्द में आत्महारा

इस तरह वे राधारानी के चरणों को आराम पहुंचाते हैं

फिर उनके चरणों को धो पोछकर उसमे आलता लगाते हैं
आलता से कई तरह की चित्रकारी करते हैं

*फिर सबकी नजरें बचाकर चरणों के नीचे अपना नाम लिख देते हैं*

श्रीराधारानी चौंकती है।पूछती है -"कौन है री?अपना नाम बता...और ये चरणों मे तू लिख क्या रही है?"

श्याम सुंदर कहते हैं-"रानी ज़रा देखकर तो बताओ सेवा भली बुरी कैसी लगी?"

राधारानी कहती है-"पहले अपना परिचय बता"

श्याम सुंदर कहते हैं-"मेरा नाम श्यामा है।आप ही के गांव की हूँ"

इतने में सखियाँ देख लेती हैं किनका नाम लिखा है,वो हंसने लगती हैं

तब श्रीराधारानी समझ जाती हैं।मुस्कुराकर अपना हार देती हैं और कहतीं हैं-"अच्छा भरपूर कमाई करली आज तुमने।अब अपने घर जाओ"

वास्तव मे प्रेममयी राधा रानी की श्रीचरण सेवा ही रसिक राज की सर्वश्रेष्ठ कमाई है

श्रीराधा भी यह जानती हैं।इशारेसे यही कहतीं हैं कि -"हे रसिकराज मनवांछित कमाई करली तुमने आज,मुझ भोरी को अच्छा भरमाते रहे,देखो सखियाँ हँस रही, अब घरको जाओ"

Comments

Popular posts from this blog

शुद्ध भक्त चरण रेणु

श्री शिक्षा अष्टकम

श्री राधा 1008 नाम माला