राधेरानी चरण रज अभिषेक

🌸 *श्री राधा रानी चरण रज अभिशेक उत्सव* 🌸

ज़ोर से बोलिये श्री राधा रानी की जय

श्री राधे एक दिन प्रिया प्रीतम ने निकुंज बिहार के लिए निकले साथ में बहुत सारी मंजरियां थी तभी श्री ललिता जी ने एक पीछे से आवाज दी और कहां आज मौसम बरसात का हो रहा है आकाश में बादल हो रहे बरसात हो सकती है

पवन की गति भी तेज है और देखते ही देखते पवन की गति और तेज हो गई है आंधी सी आने लगी सारा वातावरण धूल में हो गया फुलवारी वृक्ष वृक्ष की शाखाएं धूल में हो गई

फिर हल्की हल्की बारिश होने लगी प्रिया प्रियतम निकुंज द्वार पर खड़े हो कर ये द्रश्य देख रहे थे

चित्रा जी कहा आज तो निकुंज बिहार का आयोजन आयोजन बन कर रह गया  तो विशाखा जी कहा यह एक गोपीनेय रहस्य है आज अंधी का

एक दिन वृक्ष और बताओ ने निकुंज की पवन से विनती की और कहां हम लोग पूर्व जन्म में ऋषि और तविश तपस्वी थे प्रिया प्रीतम की कृपा से हमें निकुंज राज में वृक्ष और लता बनने का अवसर प्राप्त हुआ है यह हमारा बड़ा सौभाग्य है की प्रिया प्रीतम हमारी छाया में बैठकर विश्राम करते हैं हमारी फल श्रीप्रिया प्रीतम के सेवा में लगते हैं श्रीप्रिया प्रीतम का नृत्य निकुंज बिहार का दर्शन प्राप्त होता है प्रिया प्रीतम की कृपा से ,बस मन में एक व्यथा है कि हमें कभी श्री राधा रानी की चरण रज नहीं मिल पाती वृक्ष और लताओ ने कहा हम झुक नहीं सकते इसीलिए हमें श्री राधा रानी के चरण रज नहीं मिल पाती तो आज हमने निकुंज की पवन से विनम्र विनती की ऐसी कृपा करो कि आज निकुंज की इश्वरी श्री राधा रानी की चरण रज प्राप्त हो तो आज निकुंज की पवन की कृपा से ऐसा सौभाग्य प्राप्त हुआ है श्री राधा रानी की चरण रज आज वृक्ष वृक्ष को लता लता को पत्ते पत्ते को पुष्प पुष्प को मिली हां सारा निकुंज श्री राधा रानी की चरण राज से ए अभिषेक हो गया सारे निकुंज का  श्री  चरणों की से मंगलमय अभिषेक हो गया सभी की अभिलाषा हैं पूर्ण हुई सभी को श्री चरण रज का अभिषेक प्राप्त हुआ

निकुंज के   वृक्षों की कितनी सुंदर अभिलाषा है अपनी स्वामिनी श्री राधा रानी की चरण रज पाने की Sri चरणों की  रज से अभिशेक करने की

निकुंज के सरे vrakch लताये पुष्प  की जय हो जो ऐसी अनुपन कामना करते है श्री चरणों की रज पाने की

जय हो श्री चरणों की रज की

श्री चरणों की रज अभिसेक महोत्सव की जय हो

अपनी स्वामिनी की चरण रज पाने की कैसी अद्भुत अभिलासा है

निकुंज की पवन ने  अपनी स्वामिनी की आज्ञा से

निकुंज की पवन ने  अपनी स्वामिनी की आज्ञा से
सभी की अभिलाषा पूरी की

सभी की अभिलासा पुर्ण करने बाली करुणामयी कृपामयी दयामयी प्रेम मयी श्री राधा रानी की जय हो

कितनी करुणामयी हैं हमारी स्वामिनि जी

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