बहती सी तरंगों में(यशु)
बहती सी तरंगों से दिल यह मेरा
तेरा होने को तड़पता है
यह दूरी हमको रोक न पाती है
जब तुम मुझ पर छा जाती हो रोम रोम
मैं खिली तुम में रोम रोम
मैं मिली तुम में रोम रोम
महकती तुम
मेरी ही साँस की महक बनकर
इन लम्हों को सहेज लो पल पल
तेरे पास ले आते जो मुझको.....
काश तुम भी समझती कितना प्रेम है हमको तुमसे......
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