देख सखी नाचत गौर किशोर (यशु)
देख सखी नाचत गौर किशोर...2
श्री वास अंगन की धरा के ऊपर, जैसे नाचत मयूर...
गौर अंग सोहे गौर राय के, गौर पीतांबर हाथ,
गौर कुंदन पग नूपुर बाजत, मोतिन की गल माल..
देख सखि.....
गौरा के आभूषण अंग अंग, पीत बसन फैरात...
श्री सचि नंन्दन दधरण छबिलो, गौर सलोने गात...
देख सखी नाचत गौर किशोर....
कारीअंजन सी कजरारी अँखिया, नागिन वेणी लहरात,
गल कंठी मुख तिलक विराजे, काँधे जनेऊ साज...
देख सखी नाचत गौर किशोर,,,,
कर्ण कुंडल पर्ण हिलत बिसोरत,नासिकबेसर मुक्ताल,
खोल की ध्वनि मुरलिया बाजे, नूपुर बने करताल...
देख सखी नाचत गौर किशोर....
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